Wednesday 25 May 2011

पूछिए ना आप क्या हुआ



 उजड़े आशियाँ पे रोयेंगे
 खूने-तमन्ना पे रोयेंगे 


 जख्म ऐसे दिल को मिल गए
 आज मुंह छुपा के रोयेंगे


 आंसुओं की बात आ गयी
 आज मुस्कुरा के रोयेंगे


 छोडिये जफा की बात को
 उनकी हम वफ़ा पे रोयेंगे


 दिल ने आज फैसला किया 
 उनको भी रुला के रोयेंगे


 इस जमीं का जिक्र क्या करें
 हम तो आसमां पे रोयेंगे


 पूछिए ना आप क्या हुआ
 आप दास्तां पे रोयेंगे  

1 comment: