Saturday 9 February 2013

जानना जरूरी है?






दोस्त जिसको कहता हूँ
जिसके साथ रहता हूँ
जिसके साथ इस दिल की
बातचीत रखता हूँ

कितनी दूर तक आये
कितना साथ दे पाए
दोस्ती निभा पाए
या दग़ा ही दे जाये

जान मैं नहीं सकता

मेरे हाथ में क्या है
उसके हाथ में क्या है
किसके हाथ में क्या है
छोड़िये ! रखा क्या है

ये पता लगाने में
खुद को आजमाने में
ख्वामख्वाह का किस्सा
है, इसे सुनाने में

जान मैं नहीं सकता

कौन, किस जगह, कितना?
वक़्त छान पायेगा
मेरे साथ बैठेगा
दास्तां सुनाएगा

जान मैं नहीं सकता

जानना जरूरी है?